अनार पाक
धनिया, सोंठ, नागरमोथा, खस, बेल का गूदा, आंवले, कुरैया की छाल, जायफल, अतिविषा, खैर की छाल, अजमोदा, एरंड की जड़, जीरा, लौंग, पीपल, कर्कटश्रृंगी, खुरासानी अजवाइन, धाय के फूल और लोघ्रा सभी को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण कर लेते हैं और अनार में भरकर आटे से बंद कर दे और चूल्हे में सेंककर आटा निकाल दें। इसके बाद सभी को मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर खाने से अतिसार (दस्त), संग्रहणी (ऑव रक्त) का आना, मंदाग्नि (अपच), अरुचि (भोजन का अच्छा न लगना) और दर्द का नाश होता है।
